tag:blogger.com,1999:blog-7106540317436553228.post4521529337838563905..comments2011-04-16T22:31:38.517-07:00Comments on !! प्यार से उद्धार तक !!: अब मैं दर्द नहीं लिखता हूँअरुण श्रीhttp://www.blogger.com/profile/14712442683412741069noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7106540317436553228.post-52000846836751275022011-04-16T22:31:38.517-07:002011-04-16T22:31:38.517-07:00फिर उसने मुझसे पूछ लिया
"क्या अब भी लिखते हो&...फिर उसने मुझसे पूछ लिया<br />"क्या अब भी लिखते हो" ?<br />मै चुप था<br />सोच रहा था सच न बताऊँ,<br />और नहीं बताया !<br /><br />कैसे कहता ?<br />मन में बनते गीत दबा लेता हूँ मन में<br />दिल का दर्द नहीं लाता हूँ होंठो पर,<br /><br />कैसे कहता ?<br />गला घोंट देता हूँ मैं कविताओं का<br />जोड़ नही पाता शब्दों की लड़ियों को<br />शायद इतना टूट चूका हूँ,<br /><br />कैसे कहता ?<br />जीना मैंने छोड़ दिया है<br />दर्द बंधा था जिन धागों से, तोड़ दिया है,<br /><br />कैसे कहता ?<br />जिसके लिए लिखता था अब वो रूठ चूका है<br />जिस रिश्ते पर अंहकार था, टूट चूका है<br />अब तो जितना हो सकता है खुश रहता हूँ<br />दिल तो दुखता है लेकिन अब चुप रहता हूँ,<br /><br />अब मैं दर्द नहीं लिखता हूँ !!!!<br /><br /><br />bahut khoob saahab...............dil ko chhoo gayi aapki ye kavita to.शिवांश शर्माhttps://www.blogger.com/profile/13573363333981461082noreply@blogger.com